एक और शिक्षक श्री जगदीश काजवे को बहाल किए जाने के साथ-साथ, संपूर्ण पुराना वेतन देने के म. प्र. हाईकोर्ट के आदेश

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(मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग का अजीबो गरीब कारनामा ——— पिछले 2 साल से बिना वेतन दिए, शिक्षक के रूप में ले रहे थे सेवा)

बुरहानपुर – – मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने , बुरहानपुर के शिक्षक याचिकाकर्ता /श्री जगदीश काजवे की, मिडिल स्कूल टीचर के रूप में बहाली के आदेश के साथ-साथ, उन्हें प्रारंभिक नियुक्ति दिनांक से संपूर्ण बकाया वेतन एवं अन्य हित लाभ भी चुकाने के आदेश विगत दि. 01.04.2025 को जारी किए । उल्लेखनीय है कि, याचिकाकर्ता श्री जगदीश काजवे की ओर से हाईकोर्ट में बुरहानपुर के अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने अपनी नियुक्ति के बाद याचिका में आवश्यक संशोधन किए, जिसके उपरांत मा. हाईकोर्ट ने , दि. 01.04.2025 को सरकार की ओर से डिप्टी एडवोकेट जनरल तथा याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट श्री मनोज कुमार अग्रवाल के तर्क सुनने के बाद, याचिकाकर्ता श्री जगदीश काजवे की याचिका को स्वीकार करते हुए, याचिकाकर्ता श्री जगदीश काजवे को, न केवल उनके मिडिल स्कूल टीचर के पद पर बहाली के आदेश किए बल्कि साथ ही साथ उन्हें प्रारंभिक नियुक्ति दिनांक से संपूर्ण बकाया वेतन एवं समस्त हितलाभ भी भुगतान करने के आदेश दिए । उल्लेखनीय है कि स्टे-आर्डर दि.29.05.2023 जारी करने के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने इसी दि. 29.05.2023 को (दोपहर 2.57 बजे) प्रेषित पंजीकृत डाक के लिफाफे में , 5 दिन पुरानी तारीख 24.05.2023 डला हुआ नियुक्ति-निरस्ती पत्र दि 24.05.2023 भेजकर, याचिकाकर्ता /श्री जगदीश काजवे की नियुक्ति को न केवल निरस्त कर दिया था, बल्कि विगत 2 वर्षों से उनसे मिडिल स्कूल शिक्षक के रूप में कार्य भी कराया जा रहा था और उसके बदले में उन्हें कोई वेतन का भुगतान भी नहीं दिया जा रहा था । याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री अग्रवाल ने बताया कि मा. उच्च न्यायालय के उक्त आदेश दि. 01.04.2025 पारित होने के बाद, अब न केवल याचिकाकर्ता/श्री जगदीश काजवे की सेवाएं बहाल हो जाएगी, बल्कि उन्हें पूर्व बकाया वेतन के साथ-साथ आगे भी वेतन प्राप्त होता रहेगा ।