ग्रामीण भारत में बदलाव ला रही हैं एक्ज़ोनोबेल की ‘इंद्रधनुष’ महिलाएं

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नई दिल्ली: जब हम किसी प्रोफेशनल पेंटर की कल्पना करते हैं, तो क्या सबसे पहले हमारे दिमाग में पुरुष की छवि उभरती है? अब सोचिए एक ऐसे समाज की, जहां लिंग के आधार पर कोई भेदभाव न हो। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए, एक्ज़ोनोबेल इंडिया अपनी ‘इंद्रधनुष’ महिला उद्यमियों का उत्सव मना रहा है, जो डेकोरेटिव पेंटिंग के क्षेत्र में नई पहचान बना रही हैं।

बीते चार वर्षों में, एक्ज़ोनोबेल की सामाजिक पहल ‘प्रोजेक्ट इंद्रधनुष’ ने 7 राज्यों के 940 से अधिक गांवों में 3100 से अधिक महिलाओं को आजीविका के नए अवसर उपलब्ध कराए हैं। अब तक 2100 से अधिक महिलाओं को पेशेवर प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वे स्वतंत्र पेंटर बन गई हैं, जबकि 1000 से अधिक महिलाएं सफल पेंट-प्रेन्योर्स के रूप में उभरी हैं।

महिला सशक्तिकरण से सामाजिक समृद्धि

इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, एक्ज़ोनोबेल इंडिया के कार्यकारी निदेशक, रोहित तोतला ने कहा, “हम मानते हैं कि जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समाज प्रगति करता है। ‘प्रोजेक्ट इंद्रधनुष’ उन महिलाओं को सशक्त बना रहा है, जिनकी क्षमता का अभी तक पूरा उपयोग नहीं हुआ था। यह पहल उन्हें पेंटिंग उद्योग में अवसर प्रदान कर रही है और उनके जीवन में स्थिरता व आत्मनिर्भरता ला रही है।”

बदलाव की कहानियां

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के नगारी गांव की 40 वर्षीय महिला किसान, अवंती बाई धाकड़ की तरह हजारों महिलाओं का जीवन ‘प्रोजेक्ट इंद्रधनुष’ के माध्यम से बदल चुका है। डेकोरेटिव पेंटिंग के ज़रिए न केवल उनकी आमदनी बढ़ी है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा है। इसी तरह, एक छोटे से जनरल स्टोर से अपने परिवार की आय बढ़ाने का सपना देखने वाले अनिल और अंतिम बाला भी पेंट-प्रेन्योर्स बनने के बाद 70% अधिक मासिक कमाई कर रहे हैं। अब वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की योजना बना पा रहे हैं।

प्रोजेक्ट इंद्रधनुष का विस्तार

2021 में असम के दरांग जिले से शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट तेजी से बढ़ रहा है और हर वर्ष अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है। वर्तमान में यह पहल:

  • तमिलनाडु के विल्लुपुरम, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम जिलों के 270 गांवों में
  • पश्चिम बंगाल के हावड़ा, बांकुरा, पश्चिम बर्धमान, पुरुलिया और पूर्वी मिदनापुर जिलों के 480 गांवों में
  • मध्य प्रदेश के उज्जैन, रतलाम और मंदसौर जिलों के 120 गांवों में
  • झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के 30 गांवों में
  • हरियाणा के नूंह जिले की ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रहा है।

एक्ज़ोनोबेल का यह प्रयास महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के साथ-साथ ग्रामीण भारत के सामाजिक ताने-बाने में भी सकारात्मक बदलाव ला रहा है। यह पहल समान अवसरों और उज्जवल भविष्य की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।