मुंबई: वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा है कि अमेरिका और चीन के बीच छिड़े व्यापार युद्ध में अब स्टील और एलुमिनियम जैसी अहम धातुएं रणनीतिक मोर्चे पर आ गई हैं। अमेरिका द्वारा इन धातुओं पर 25% आयात शुल्क लगाए जाने से न केवल चीन, बल्कि कनाडा और मैक्सिको जैसे सहयोगी देशों को भी झटका लगा है।
एलुमिनियम की भूमिका होगी और भी अहम
श्री अग्रवाल के अनुसार, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर – जैसे हवाई अड्डे, रेलवे नेटवर्क, आवासीय भवन, वाहन और मोबाइल फोन – इन धातुओं के बिना अधूरे हैं। लेकिन आने वाले वर्षों में एलुमिनियम की मांग और उपयोगिता स्टील से कहीं अधिक हो सकती है, क्योंकि यह हल्की होने के साथ-साथ पूरी तरह से रीसायकल की जा सकने वाली धातु है।
नीतिगत सहयोग की दरकार
उन्होंने सरकार द्वारा स्टील पर लागू की गई 12% सेफगार्ड ड्यूटी की सराहना करते हुए कहा कि अब ऐसा ही ठोस कदम एलुमिनियम उद्योग के लिए भी उठाया जाना चाहिए, ताकि वैश्विक बाजार से सस्ते दाम पर आने वाले आयात से देश की घरेलू इकाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
भारत के पास संसाधन, चाहिए दिशा
अनिल अग्रवाल ने जोर देते हुए कहा, “भारत के पास प्रचुर मात्रा में बॉक्साइट भंडार हैं। यदि सरकार सही नीतियों को अपनाए और उद्योगों में पर्याप्त निवेश को प्रोत्साहित करे, तो भारत दुनिया का अगला एलुमिनियम मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है।”
व्यापार युद्ध के बीच भारत को सतर्कता की सलाह
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में बड़े अंतरराष्ट्रीय उत्पादक सस्ते दामों पर अपना माल भारत जैसे उभरते बाजारों में उतार सकते हैं। ऐसे में भारत को सजग रहकर अपने घरेलू उद्योगों के हितों की रक्षा करनी होगी।