मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि “बॉयो फ्यूल योजना-2025” प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट” (एलआईएफई) अभियान के मूल सिद्धांतों पर आधारित है। इस योजना का उद्देश्य सतत विकास को बढ़ावा देना, जिम्मेदार उपभोग को प्रोत्साहित करना और उत्पादन में नवाचार लाना है। योजना के माध्यम से प्रदेश की कृषि शक्ति का पूरा उपयोग करते हुए हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इससे राज्य में बॉयो फ्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, बॉयो ऊर्जा संयंत्रों, फीडस्टॉक उत्पादन और सप्लाई चेन के विभिन्न स्तरों पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह पहल प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ ही औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को भी गति देगी।
हरित ऊर्जा उत्पादन और रोजगार सृजन की क्रांतिकारी पहल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे राज्य की आर्थिक समृद्धि, हरित ऊर्जा उत्पादन और व्यापक रोजगार सृजन के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सतत विकास और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इसी प्रेरणा से मध्यप्रदेश सरकार ने “बॉयो फ्यूल योजना-2025” को मंत्रि-परिषद की मंजूरी के बाद लागू किया है, जो दीर्घकालिक रूप से पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी। योजना के अंतर्गत कृषि अवशेषों और जैविक अपशिष्ट का प्रभावी उपयोग करते हुए राज्य को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे।
बॉयो फ्यूल उत्पादन संयंत्र स्थापना के लिए भूमि आवंटन और रियायतें
राज्य सरकार ने योजना के तहत बॉयो फ्यूल उत्पादन संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें भूमि आवंटन, निवेश प्रोत्साहन, आधारभूत संरचना विकास में सहायता और कर रियायतें शामिल हैं। ये प्रावधान स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने, किसानों को अतिरिक्त आय के साधन प्रदान करने और औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से किए गए हैं। बॉयो फ्यूल यूनिट्स के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन, इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं पर अनुदान और विद्युत शुल्क में छूट जैसी सहूलियतें दी जाएंगी, ताकि मध्यप्रदेश जैव ईंधन उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बन सके।
बॉयो फ्यूल और ग्रीन एनर्जी में निवेश को बढ़ावा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि आगामी “ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट” का आयोजन 24-25 फरवरी 2025 को भोपाल में होगा, जहां “बॉयो फ्यूल योजना-2025” को विशेष रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। इस समिट में देश-विदेश के निवेशक, उद्योग जगत के दिग्गज और नीति-निर्माता हिस्सा लेंगे। इस मंच के माध्यम से बॉयो फ्यूल और ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया जाएगा, जिससे प्रदेश में सतत विकास, निवेश और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
सप्लाई चेन विकास और फीडस्टॉक उत्पादन पर जोर
योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से बॉयो सीएनजी, बॉयोमास ब्रिकेट एवं पेलेट और बॉयोडीजल जैसे जैव ईंधनों का उत्पादन किया जाएगा। यह योजना फीडस्टॉक खेती, उत्पादन तकनीक, वितरण और उपयोग के सभी पहलुओं को कवर करती है। बॉयो फ्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को कई प्रकार के लाभ प्रदान किए जाएंगे, साथ ही किसानों को कृषि उपकरणों के लिए सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, बॉयोमास एवं खाद की बिक्री सुनिश्चित करने और मजबूत सप्लाई चेन विकसित करने के प्रावधान भी योजना में शामिल हैं। बॉयो फ्यूल संयंत्रों के लिए भूमि आवंटन को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि बॉयोमास उत्पादन के लिए सरकारी भूमि कलेक्टर दर के केवल 10% वार्षिक शुल्क पर उपलब्ध कराई जाएगी।
निवेश प्रोत्साहन और औद्योगिक विकास के अवसर
“बॉयो फ्यूल योजना-2025” के तहत बॉयो फ्यूल यूनिट्स को 200 करोड़ रुपये तक का बुनियादी निवेश प्रोत्साहन (बीआईपीए) प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन, सड़क, जल निकासी और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों (ईटीपी, एसटीपी, प्रदूषण नियंत्रण उपकरण) के विकास के लिए 50% तक की सहायता (अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक) दी जाएगी। विद्युत शुल्क और ऊर्जा विकास उपकर में 10 वर्षों तक छूट दी जाएगी। 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा विशेष पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही, आईपीआर और क्वालिटी कंट्रोल के लिए भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।
“बॉयो फ्यूल योजना-2025” मध्यप्रदेश को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दूरदर्शी कदम है। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करेगी, बल्कि रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश हरित ऊर्जा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।