दिल्ली की रूहानी शाम: बॉन फ़ोई 65 में हीर वालिया के सूफी सुरों ने किया सबको मंत्रमुग्ध

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नई दिल्ली: शनिवार की रात राजधानी के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित लोकप्रिय रूफटॉप कैफे बॉन फ़ोई 65 पर एक खास संगीत संध्या देखने को मिली, जब जानी-मानी सूफी गायिका हीर वालिया ने अपने सुरों से दिल्लीवासियों को सुकून और सिहरन दोनों का अनुभव कराया।

ओपन-एयर रूफटॉप पर संगीत, चाँदनी और खूबसूरत डेकोर के बीच हुआ यह लाइव शो एक कॉन्सर्ट से कहीं ज़्यादा एक आध्यात्मिक सफर जैसा लगा। वालिया ने अपने परफॉर्मेंस में बुल्ले शाह और अमीर खुसरो जैसे सूफी संतों की रचनाओं को नए अंदाज़ में पेश किया, जिसमें लोक सुरों की मिठास और क्लासिकल गायकी का गहरापन दोनों शामिल थे।

भीड़ रही अभिभूत, दिल से जुड़ा हर सुर

भीड़ में मौजूद दर्शक — चाहे डेट नाइट पर आए कपल्स हों या क्लासिकल म्यूजिक के दीवाने — हर कोई हीर वालिया की प्रस्तुति में डूबा नजर आया। कई लोग सुरों के साथ झूमते रहे, तो कुछ की आंखें बंद थीं — मानो कोई प्रार्थना चल रही हो।

एक दर्शक, अनन्या मेहता, ने कहा, “मैं सिर्फ़ डिनर के इरादे से आई थी लेकिन यहाँ जो माहौल मिला वो किसी स्पिरिचुअल रिट्रीट से कम नहीं था। हीर की आवाज़ ने कुछ अंदर तक छू लिया।”

खाना और संगीत, दोनों का परफेक्ट मेल

बॉन फ़ोई 65 का माहौल पहले से ही खास रहा है — शानदार इंडियन-फ्यूजन और मेडिटरेनियन डिशेस, सिग्नेचर कॉकटेल्स और वाइब्रेंट डेकोर इसकी पहचान हैं। लेकिन उस रात धीमी रौशनी, रूहानी संगीत और स्वादिष्ट खाने ने मिलकर एक ऐसा माहौल बना दिया, जो लंबे समय तक याद रहेगा।

आयोजकों ने क्या कहा?

क्लब के सह-संस्थापक और क्रिएटिव डायरेक्टर अमित बिश्नोई ने बताया, “हमने हमेशा एक ऐसी जगह बनाने का सपना देखा था जहाँ लोग सिर्फ़ खाने के लिए नहीं, बल्कि कुछ महसूस करने के लिए आएं। हीर वालिया की परफॉर्मेंस उसी सोच की मिसाल थी।”

सह-संस्थापक और एक्सपीरियंस क्यूरेटर अवनि यादव ने कहा, “लोगों को एक साथ लाना और उन्हें संगीत के ज़रिए जोड़ना ही हमारा मक़सद रहा है। ऐसी शामें हमें अपने विज़न की याद दिलाती हैं।”

आने वाले समय में और भी होंगी ऐसी शामें

वालिया की प्रस्तुति के अंत में तालियों की गड़गड़ाहट और “एक और” की मांग साफ़ बता रही थी कि लोगों के दिलों में यह शाम बस गई थी। जिन लोगों ने यह मौका मिस कर दिया, उनके लिए अच्छी खबर है — बॉन फ़ोई 65 जल्दी ही ऐसी और संगीतभरी रातों के साथ लौटेगा।


📍 क्या है बॉन फ़ोई 65?

ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित यह रूफटॉप कैफे-रेस्तरां न सिर्फ़ खाने का स्वाद, बल्कि माहौल, कला और अनुभव में भी खास पहचान रखता है। दिल्ली की नाइटलाइफ को एक नए अंदाज़ में जीने की जगह है यह — जहाँ हर शाम एक नई कहानी होती है।