नई दिल्ली: प्रसिद्ध उद्योगपति और हिंदुजा समूह के सह-अध्यक्ष श्री जीपी हिंदुजा ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था का शिल्पकार बताते हुए उनके योगदान को ऐतिहासिक करार दिया। श्री हिंदुजा ने कहा कि डॉ. सिंह का नेतृत्व भारत के आर्थिक इतिहास में मील का पत्थर है।
आर्थिक संकट से उबरने का मार्गदर्शक
1991 में जब भारत गहरे आर्थिक संकट में था और देश दिवालिया होने के कगार पर था, डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में कमान संभाली। श्री हिंदुजा ने कहा, “डॉ. सिंह ने उस समय जो साहसिक कदम उठाए, उन्होंने न केवल भारत को संकट से उबारा बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में देश की नई पहचान बनाई।”
उदारीकरण और आर्थिक सुधारों की शुरुआत
डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में ऐतिहासिक बजट पेश किया, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को लाइसेंस राज से मुक्त किया और वैश्विक व्यापार के लिए द्वार खोले। श्री हिंदुजा ने कहा, “डॉ. सिंह के नेतृत्व में हुए आर्थिक सुधारों ने भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया। उनके प्रयासों ने भारतीय उद्योगों और उद्यमियों को नई संभावनाएं प्रदान कीं।”
परमाणु नीति में ऐतिहासिक भूमिका
डॉ. सिंह के योगदान का जिक्र करते हुए श्री हिंदुजा ने कहा कि उनका प्रभाव केवल आर्थिक नीतियों तक सीमित नहीं था। उन्होंने भारत को परमाणु अलगाव से बाहर निकाला और वैश्विक परमाणु राष्ट्रों के बीच देश को सम्मान दिलाया। यह उनकी कूटनीतिक दक्षता और दूरदृष्टि का प्रतीक है।
विनम्रता और नेतृत्व का संयोजन
डॉ. सिंह की व्यक्तिगत विशेषताओं का उल्लेख करते हुए श्री हिंदुजा ने कहा, “वे एक विनम्र व्यक्तित्व थे, लेकिन उनके फैसले साहसिक और दूरगामी होते थे। उनका नेतृत्व एक ऐसा उदाहरण है, जो भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणादायक है।”
आधुनिक भारत के स्तंभ
श्री हिंदुजा ने डॉ. सिंह को आधुनिक भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा, “डॉ. सिंह के आर्थिक और रणनीतिक योगदान ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित किया। उनके कार्य हमेशा भारत के विकास की दिशा में प्रेरणा बने रहेंगे।”
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन और उनका योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति में प्रेरणा का स्त्रोत बना रहेगा। उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए देश सदैव ऋणी रहेगा।