मुंबई: भारत की गेमिंग इंडस्ट्री के लिए एक नया अध्याय शुरू हो चुका है, क्योंकि आज जारी की गई ‘इंडिया गेमिंग रिपोर्ट 2025’ में इस क्षेत्र के भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण आंकड़े पेश किए गए हैं। विंज़ो और इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउन्सिल द्वारा प्रस्तुत इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत का गेमिंग सेक्टर 2034 तक 60 बिलियन डॉलर का बाजार बन सकता है।
अभी हाल ही में इस सेक्टर का मूल्य 3.7 बिलियन डॉलर आंका गया है, और अनुमान है कि यह 2029 तक 9.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
भारत का गेमिंग सेक्टर: मौजूदा स्थिति और भविष्य की दिशा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री 19.6% की सीएजीआर के साथ तेजी से विकसित हो रही है। यह क्षेत्र भारत को डिजिटल इकोनॉमी के 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वर्तमान में, भारत में 1,888 गेमिंग कंपनियां हैं, जो करीब 1.3 लाख लोगों को रोजगार देती हैं, और 600 मिलियन यूजर्स इस सेक्टर से जुड़े हुए हैं। 2029 तक यह आंकड़ा बढ़कर 952 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है।
भारत को गेमिंग निर्यात में लीडर बनाने की दिशा में कदम
भारत अब केवल एक उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक प्रमुख गेमिंग उत्पादक और निर्यातक के रूप में खुद को स्थापित करने की दिशा में बढ़ रहा है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारतीय गेमिंग सेक्टर, ‘पे-टू-प्ले’ जैसे अपने अभिनव मॉडलों के जरिए निवेश आकर्षित कर सकता है और वैश्विक बाजार में अपनी साख बना सकता है।
कैसे होगा विकास?
- भारत के गेमिंग सेक्टर में 3 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पहले ही आकर्षित हो चुका है, जिसमें से 90% से अधिक पे-टू-प्ले (रियल मनी गेमिंग) सेगमेंट में है।
- 2 मिलियन कुशल नौकरियां उत्पन्न करने की क्षमता
- 3 सालों में 26 अरब डॉलर का निवेश जुटाने का अनुमान
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डिजिटल क्रांति
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इस रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा,
“भारत का गेमिंग सेक्टर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की डिजिटल क्रांति का एक अहम हिस्सा बनने जा रहा है, और यह 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
भारतीय गेमिंग सेक्टर का वैश्विक परिपेक्ष्य
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत का गेमिंग उद्योग ग्लोबल गेमिंग इकोनॉमी का एक अहम हिस्सा बन सकता है। फिनलैंड, इज़रायल और तुर्की जैसे देशों ने छोटे आकार के बावजूद अपने निर्यात से 90% से अधिक गेमिंग राजस्व कमाया है।
भारत के पास घरेलू बाजार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का मिश्रण है, जो इसे गेमिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिला सकता है।