मुंबई: भारत के अग्रणी निजी क्षेत्र के बैंकों में से एक, आईसीआईसीआई बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (31 दिसंबर, 2024) के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की। बैंक ने लाभप्रदता, ऋण वृद्धि और डिजिटल नवाचार में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है।
मुख्य उपलब्धियां
- शुद्ध लाभ: ₹11,792 करोड़, पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 14.8% की वृद्धि।
- कोर ऑपरेटिंग प्रॉफिट: ₹16,516 करोड़ (13.1% की वृद्धि)।
- शुद्ध ब्याज आय (NII): ₹20,371 करोड़, 9.1% की वृद्धि के साथ।
- जमाएं (डिपॉजिट): कुल जमाओं में 14.1% की बढ़ोतरी, ₹15.2 लाख करोड़।
- डोमेस्टिक लोन पोर्टफोलियो: 15.1% की वृद्धि, ₹12.82 लाख करोड़।
- ग्रॉस एनपीए अनुपात: 1.96%, जबकि नेट एनपीए 0.42% पर स्थिर।
डिजिटल नवाचार और ग्राहक-केंद्रित सेवाएं
आईसीआईसीआई बैंक ने DigiEase जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किए, जो ग्राहकों को आसान ऑनबोर्डिंग और डिजिटल बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, iLens प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से होम लोन, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड सेवाओं को सरल बनाया गया है।
बैंकिंग प्रदर्शन के प्रमुख क्षेत्र
- ग्राहकों की सुविधा: ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए डिजिटल चैनलों और उत्पादों में सुधार।
- ऋण प्रबंधन: खुदरा, एमएसएमई और ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित लोन वृद्धि।
- पर्यावरणीय स्थिरता: हरित बैंकिंग के माध्यम से सतत विकास की दिशा में प्रयास।
प्रबंधन की प्रतिक्रिया
आईसीआईसीआई बैंक के एमडी और सीईओ ने कहा, “हमारे लगातार बेहतर प्रदर्शन के पीछे हमारी मजबूत रणनीतियां, डिजिटल तकनीक का उपयोग और ग्राहकों की ज़रूरतों पर केंद्रित सेवाएं हैं। यह मुनाफा बैंक की स्थिरता और विकास की कहानी को दर्शाता है।”
आर्थिक स्थिरता और आगे की योजनाएं
आईसीआईसीआई बैंक ने वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार की योजना बनाई है। साथ ही, डिजिटल इनोवेशन के माध्यम से ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं प्रदान करने और बैंकिंग प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
आईसीआईसीआई बैंक का यह प्रदर्शन न केवल बैंक के वित्तीय क्षेत्र में अग्रणी स्थान को दर्शाता है, बल्कि यह ग्राहकों और निवेशकों के लिए विश्वास और स्थिरता का प्रतीक भी है।