नई दिल्ली : MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT-WPU), पुणे द्वारा आयोजित तीन दिवसीय HackMITWPU 2025 हैकथॉन में देशभर से 7,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करना और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजना था।
इस वर्ष की थीम ‘ले छलांग – द लीप ऑफ फेथ’ थी, जो प्रतिभागियों को परंपरागत सीमाओं को तोड़कर तकनीक और उद्यमशीलता के क्षेत्र में नए मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित कर रही थी। प्रतियोगिता में आइडियाथॉन, वर्कथॉन, कैप्चर द फ्लैग, फार्माथॉन, बायो-थॉन, हैक-एआई-थॉन और डेटा क्वेस्ट जैसे 14 विभिन्न ट्रैक्स शामिल थे।
प्रतिभागियों ने एआई, साइबर सिक्योरिटी, स्पेस टेक्नोलॉजी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। 450 से अधिक इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के पैनल ने इन प्रोजेक्ट्स का आकलन किया।
इस वर्ष के कुछ उल्लेखनीय इनोवेशन:
- केम-ई-कार: रासायनिक ऊर्जा से चलने वाला शूबॉक्स के आकार का वाहन।
- STeRG (स्पेस टेक्नोलॉजी रिसर्च ग्रुप): स्पेसक्राफ्ट सिस्टम में नवीनता लाने पर केंद्रित परियोजना।
- टीम फीनिक्स: ऑटोनॉमस ड्रोन टेक्नोलॉजी में उन्नत समाधान।
- टीम स्काईट्रूपर्स: एयरोमॉडलिंग में अभिनव दृष्टिकोण।
- टीम ड्रिफ्टर्स: फॉर्मूला 1 से प्रेरित अत्याधुनिक कम्बस्चन व्हीकल ‘प्राइमस’।
MIT के फाउंडर ट्रस्टी और MIT-TBI के डायरेक्टर, प्रो. प्रकाश बी. जोशी, MIT-WPU के वाइस-चांसलर, डॉ. आर. एम. चिटनिस, और प्रो-वाइस चांसलर एवं HackMIT-WPU के मुख्य संयोजक, डॉ. मिलिंद पांडे ने पूरे कार्यक्रम में छात्रों का मार्गदर्शन किया।
डॉ. चिटनिस ने कहा, “एआई रिसर्च इंस्टीट्यूट, रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन इंजीनियरिंग सेंटर और ब्लॉकचेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इस आयोजन के प्रमुख स्तंभ रहे। इस प्रतियोगिता ने कई क्रांतिकारी विचारों को जन्म दिया, जिनमें केम-ई-कार और STeRG प्रमुख हैं।”
डॉ. मिलिंद पांडे ने इस आयोजन की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “यह कार्यक्रम छात्रों को नवीनतम तकनीकों के व्यावहारिक अनुप्रयोग से जोड़ने, नवाचार को बढ़ावा देने और उनके विचारों को साकार करने का अवसर देता है।”
फाइनल-ईयर छात्रों के लिए यह हैकथॉन एक विशेष मंच साबित हुआ, जहाँ उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, सिविल इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों में अपने अनुसंधान को प्रस्तुत किया।
इस आयोजन ने मेंटरशिप, इनक्यूबेशन और स्टार्टअप्स के लिए संभावित फंडिंग के द्वार खोले। कुछ चुनी हुई टीमों को अपने प्रोटोटाइप को विकसित करने के लिए ₹1 लाख तक की आर्थिक सहायता भी दी गई।
MIT-WPU के इस सफल आयोजन ने शिक्षा और इंडस्ट्री के बीच सहयोग को और मजबूत किया, जिससे छात्रों को नवीनतम तकनीकों की व्यावहारिक समझ और उत्कृष्ट अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला।