हैदराबाद : श्री अमिताभ मुखर्जी ने 6 मार्च 2025 से राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) का पदभार ग्रहण कर लिया है।
भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) के 1996 बैच के वरिष्ठ अधिकारी श्री मुखर्जी ने इससे पहले भारत सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। एनएमडीसी में वे मार्च 2023 से सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) और नवंबर 2018 से निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यरत रहे हैं। इसके साथ ही, वे एनएमडीसी स्टील लिमिटेड और लिगेसी आयरन ओर लिमिटेड के अध्यक्ष भी हैं।
श्री मुखर्जी के नेतृत्व में एनएमडीसी ने 2024 में 45 मिलियन टन उत्पादन का रिकॉर्ड बनाकर भारत की पहली लौह अयस्क खनन कंपनी के रूप में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उनके मार्गदर्शन में कंपनी ने अपने टर्नओवर और नेटवर्थ में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने डिजिटल और तकनीकी नवाचारों को अपनाते हुए देश की एकमात्र मशीनीकृत हीरा खदान के संचालन को फिर से शुरू कराया।
एनएमडीसी स्टील प्लांट को चालू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिससे यह संयंत्र बस्तर का गौरव बन गया है। इसके अलावा, उनके नेतृत्व में एनएमडीसी ने ऑस्ट्रेलिया में स्वर्ण खनन की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं, जिससे कंपनी वैश्विक खनन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है।
श्री मुखर्जी के नेतृत्व में एनएमडीसी ने निवेश रणनीतियों को प्रभावी ढंग से लागू किया, वित्तीय अनुशासन को सुदृढ़ किया और जिम्मेदार खनन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की। नवरत्न कंपनी के रूप में एनएमडीसी 2030 तक 100 मिलियन टन की खनन क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर अग्रसर है।
उनकी यह नियुक्ति भारत के खनन और औद्योगिक क्षेत्र में उनके व्यापक अनुभव और रणनीतिक नेतृत्व को रेखांकित करती है।