मुंबई : देशभर में घर-घर की रसोई में इस्तेमाल होने वाला टाटा नमक अब सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का संदेश भी लेकर आया है। आईपीएल फाइनल के दौरान लॉन्च किए गए टाटा नमक के नए विज्ञापन अभियान में कंपनी ने अपने पुराने और लोकप्रिय जिंगल “नमक हो टाटा का, टाटा नमक” को एक नए अंदाज़ में पेश किया है।
यह नया कैंपेन न सिर्फ पुरानी यादों को ताज़ा करता है, बल्कि आयोडीन की अहमियत को भी दिल से समझाता है – खासकर बच्चों के मानसिक विकास के लिए।
क्या है खास इस बार?
इस बार टाटा नमक ने 8 छोटी-छोटी भावनात्मक कहानियों के ज़रिए दिखाया है कि कैसे ये नमक हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा है। कहीं माँ की लोरी में, तो कहीं स्कूल में बच्चों को पढ़ाते टीचर के साथ – टाटा नमक हर रिश्ते में, हर पल में मौजूद है।
एक विज्ञापन में बच्चों को सिखाया जाता है कि आयोडीन से दिमाग तेज़ होता है, तो दूसरी कहानी में परिवार की रसोई में इस नमक की अहमियत दिखाई गई है।
ब्रांड का मकसद
टाटा कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड की प्रेसिडेंट – पैकेज्ड फूड्स, दीपिका भान कहती हैं:
“टाटा नमक केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि एक विश्वास है जो चार दशक से हर घर में कायम है। नया कैंपेन हमारे उपभोक्ताओं के साथ इसी रिश्ते को और मजबूत करने की कोशिश है।”
वहीं ओगिल्वी के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर अनुराग अग्निहोत्री ने कहा:
“हमने पुराने दौर की जिंगल्स की यादों को फिर से जिंदा किया है ताकि आज की पीढ़ी भी समझ सके कि आयोडीन क्यों ज़रूरी है – और वह भी एक दिल को छूने वाले अंदाज़ में।”
क्यों ज़रूरी है आयोडीन?
आयोडीन की कमी से बच्चों के मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है। टाटा नमक यह सुनिश्चित करता है कि हर भारतीय को उचित मात्रा में आयोडीन मिले, ताकि अगली पीढ़ी शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बन सके।
📺 विज्ञापन फिल्में देखने के लिए क्लिक करें:
👉 https://youtu.be/43olT6Pj6GY