देशभर में पेपर लीक को लेकर हो रहे प्रदर्शन के बीच 21 जून की देर रात को केंद्र सरकार ने एंट्री पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। इसका अधिनियम भी जारी कर दिया गया है। इस नियम के अनुसार अगर कोई पेपर में गड़बड़ी करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ इस कानून के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
नई दिल्ली: पेपर लीक को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच शुक्रवार रात को केंद्र सरकार ने एंट्री पेपर लीक कानून लागू कर दिया। देर रात केंद्र सरकार की तरफ से इसकी अधिसूचना जारी की गई। जिसके अनुसार पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस कानून को लागू करने का मुख्य मकसद परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ी को रोकना है। आइए जानते हैं इस कानून की 5 बड़ी बातें…
क्या है एंटी पेपर लीक कानून प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार इस लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को 5 फरवरी को लोकसभा में पेश किया था। वहां ये बिल 6 फरवरी को पास हो गया था उसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया जहां पर इसे 9 फरवरी को पास करवा लिया गया था। दोनों सदनों से पास होने के बाद इस विधेयक को 13 फरवरी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी थी। फरवरी में मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार ने इस एंटी पेपर लीक कानून को 21 जून की रात से देशभर में लागू कर दिया है।
कौन- कौन सी परीक्षाएं हैं इस कानून के दायरे में
एंटी पेपर लीक कानून यानी की लोक परीक्षा कानून के दायरे में UPSC, SSC, जेईई, नीट, CUET, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और एनटीए की तरफ से आयोजित सभी परीक्षाएं आएंगी। अगर अब इन परीक्षाओं में कोई भी किसी भी तरह की गड़बड़ी या नकल करता पाया जाएगा। उसके खिलाफ एंटी पेपर लीक कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कितने सालों की सजा का है प्रावधान
सार्वजनिक परीक्षाओं में ज्यादा पारदर्शिता लाने परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर नकेल कसने के लिए ‘लोक परीक्षा कानून-2024’ काफी मदद करेगा। इस कानून के तहत पेपर लीक करने या अनुचित साधन का इस्तेमाल करने पर कम से कम तीन साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसके साथ ही परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर के दोषी पाए जाने पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
परीक्षार्थी कानून के दायरे में नहीं
इस नए एंटी पेपर लीक कानून के कुछ दायरे भी है। जिसके अनुसार प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवा विद्यार्थी इस कानून के दायरे में नहीं हैं। जब संसद में इस बिल पेश किया गया था तो उस वक्त केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि इस कानून का उद्देश्य केवल धांधली करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को रोकना है। परीक्षार्थियों को इस एंटी पेपर लीक कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।