भारतीय सीईओ की बढ़ती उम्मीदें: आर्थिक विकास, एआई और नई रणनीतियों पर फोकस

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पीडब्ल्यूसी का वार्षिक ग्लोबल सीईओ सर्वेक्षण (2025): भारत का परिप्रेक्ष्य

दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान पीडब्ल्यूसी ने अपने 28वें वार्षिक ग्लोबल सीईओ सर्वेक्षण का विशेष भारतीय संस्करण जारी किया। सर्वेक्षण से यह सामने आया कि भारत के सीईओ वैश्विक औसत की तुलना में देश की आर्थिक वृद्धि को लेकर कहीं अधिक आश्वस्त हैं।


भारतीय सीईओ की प्रमुख चिंताएं और प्राथमिकताएं

  • 87% भारतीय सीईओ आर्थिक विकास को लेकर सकारात्मक हैं (वैश्विक औसत: 57%)।
  • 74% सीईओ को अपनी कंपनियों की आगामी तीन वर्षों में राजस्व वृद्धि का भरोसा है।
  • तकनीकी बदलाव, मैक्रोइकोनॉमिक अस्थिरता और कुशल श्रम की कमी जैसी चुनौतियां चिंता का कारण बनी हुई हैं।

जनरेटिव एआई: संभावनाएं और जोखिम

  • 51% भारतीय सीईओ जनरेटिव एआई के लाभप्रदता पर सकारात्मक हैं।
  • हालांकि, 33% सीईओ ही एआई के एकीकरण पर पूरी तरह से भरोसा करते हैं।
  • 68% भारतीय सीईओ अधिक भर्तियों की योजना बना रहे हैं, जो पिछले वर्ष के 57% से अधिक है।

पीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन संजीव कृष्ण ने कहा, “जनरेटिव एआई तकनीकी क्रांति से कहीं अधिक है। यह कंपनियों के विकास में नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है, लेकिन इसे सही ढंग से अपनाने की आवश्यकता है।”


जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस

  • भारतीय संगठनों में जलवायु-अनुकूल निवेशों का बढ़ता प्रभाव:
    • 33% सीईओ ने ऐसे निवेशों से राजस्व वृद्धि दर्ज की।
    • 60% सीईओ का कहना है कि इन निवेशों का लागत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।
  • 58% भारतीय सीईओ का मुआवजा सस्टेनेबिलिटी मीट्रिक्स से जुड़ा हुआ है।

नवाचार और नई रणनीतियां

  • पिछले पांच वर्षों में, भारत और दुनिया भर में 40% सीईओ ने नई इंडस्ट्री में कदम रखा।
  • 50% भारतीय सीईओ ने अपने राजस्व का 20% तक नए क्षेत्रों और उद्योगों से अर्जित किया।
  • 38% भारतीय सीईओ ने नए ग्राहकों को जोड़ने और सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचने की रणनीति अपनाई।

भारत: वैश्विक निवेश का केंद्र

भारत वैश्विक निवेश के लिए शीर्ष पांच क्षेत्रों में शामिल है, साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और चीन के साथ। बेहतर व्यापार वातावरण, मजबूत आर्थिक वृद्धि और कुशल कार्यबल ने इसे वैश्विक स्तर पर एक आकर्षक निवेश स्थल बनाया है।

सर्वेक्षण का निष्कर्ष:
पीडब्ल्यूसी के संजीव कृष्ण ने कहा, “व्यवसायों को तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में टिके रहने के लिए नवाचार, सस्टेनेबिलिटी और नई रणनीतियों को अपनाना होगा।”

सर्वेक्षण का विवरण

  • 109 देशों के 4,700+ सीईओ ने इसमें भाग लिया।
  • इनमें से 75+ सीईओ भारत से थे।

पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें